छ ग चीफ ब्यूरो प्रमुख भूपेंद्र देवांगन
जांजगीर चांपा (सलवा जुडूम मीडिया) आपको बता दे कि मड़वा ताप विद्युत कामगार एवं भू-विस्थापित श्रमिक संघ एटक जिला- जांजगीर चांपा के द्वारा अटल बिहारी बाजपेयी ताप विद्युत संयंत्र में अधिग्रहित भूमि के भू-विस्थापितों को नौकरी दो की मांग को लेकर दिनांक- 14/10/2024 से मड़वा प्लांट प्रवेश द्वार चौक, दर्राभांठा, चांपा पर चरणबद्ध अनिश्चित कालीन हड़ताल का छत्तीसवां दिन चल रहा है। विदित हो कि जब ताप विद्युत संयंत्र परियोजना आयी तब 2007 में ग्राम मड़वा- तेन्दुभांठा के किसानों से उनकी सिंचित भूमि को बहुत ही कम 364000/- रुपये प्रति एकड़ की दर पर खरीदी की गई थी। पुनर्वास नीति 2007 के लाभ के तहत भू-विस्थापित खातेदार एवं सह खातेदार को नौकरी देने की एवं जब तक नौकरी नहीं दिया जाता है उस स्थिति में पुनर्वास नीति के तहत जीवन निर्वहन भत्ता मनरेगा के बढ़ते क्रम में देने की सहमति बनी थी परन्तु अभी तक भू-विस्थापितों को ना ही नौकरी दी गई है और ना ही जीने के लिए जीवन निर्वहन भत्ता दिया जा रहा है। संयंत्र के गोद नामित गाँवों को बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं नौकरी के लिए प्रशिक्षण की सुविधा नि:शुल्क देने की सहमति भी तीनों पक्षकारों के बीच सहमति बनी थी। भू-विस्थापितों के द्वारा किया जा रहा अनिश्चित कालीन हड़ताल अपने हक अधिकार की लड़ाई है जो लड़ रहे हैं। आज हड़ताल का छत्तीसवां दिन हो रहा है पर शासन,प्रशासन एवं छग. राज्य विद्युत मंडल उनकी उचित मांग को संज्ञान नही ले रहे हैं। जिससे भू-विस्थापितों में आक्रोश व्याप्त हो रही है। भू-विस्थापितों के द्वारा चरणबद्ध अनिश्चित कालीन हड़ताल का स्वरूप दिनाँक – 08/11/2024 से चरणबद्ध अनिश्चित कालीन क्रमिक भूख हड़ताल में बदल गया हैं। आज ग्यारह दिन हो चूका है, परन्तु शासन, प्रशासन व विद्युत प्रबंधन के द्वारा भूविस्थापितों की मांग पर कोई भी संज्ञान नहीं लिया जा रहा है अब आगमी चरण में मातृशक्ति (महिलाओं) ने क्रमिक भूख हड़ताल में बैठने का निर्णय लिया है ,किसी भी भू-विस्थापितों व उनके परिवारों में कोई अप्रिय घटना घटती है उसकी सारी जिम्मेदारी शासन, प्रशासन व विद्युत प्रबंधन की होगी। दिनांक 18/11/2024 क्रमिक भूख हड़ताल के ग्यारहवां दिन:-नंदू कुमार गोंड(भू-विस्थापित) करन कुमार गोंड(भू-विस्थापित) कलेश्वर सिंह कंवर(भू-विस्थापित)