छ ग चीफ ब्यूरो प्रमुख भूपेंद्र देवांगन
चांपा (सलवा जुडूम मीडिया) आपको बता दे कि चांपा नगर की प्राचीन धरोहर डोगाघाट स्थित श्री हनुमान व्यायाम शाला अखाड़ा को तोड़ने का मामले को दो माह व्यतीत हो चुके हैं किंतु अभी तक शिकायतकर्ताओं की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज नही किया है पता चला है कि पुलिस इस मामले में कानूनी सलाह ले रही है जबकि यह घटना स्पष्ट रूप से अपराधिककृत है जिसमें विवादित रूप से संचालित डोगाघाट मंदिर समिति के महंत व सदस्यों ने 70 वर्षों से काबिज स्व गुरु जी मोहित राम यादव द्वारा स्थापित श्री हनुमान व्यायाम शाला अखाड़ा को बिना सूचना दिए भवन का ताला तोड़कर उसे ध्वस्त कर दिया था इस घटना मे जहां पर संपत्तियों के नुकसान की गई वहीं हिंदू धर्म आस्था को ठेस पहुंचाकर हनुमान जी की मूर्ति सहित स्वर्गीय गुरुजी मोहित राम यादव की प्रतिमा का घोर अपमान किया गया है कुश्ती कला एवं व्यायाम के लिए नगर में ही नहीं देश के कोने-कोने के अखाडो मेंअपनी पहचान रखने वाला चापा नगर का श्री हनुमान व्यायाम शाला इतिहास के पन्नों पर गुम हो जाने के कगार पर है इस संबंध में श्री हनुमान व्यायाम शाला अखाड़ा के अध्यक्ष गिरधारी यादव ने कहा कि अखाड़ा तोड़ने वालों के खिलाफ जिला पुलिस अधीक्षक से शिकायत की गई थी जिसे दो माह हो चुका हैं फिर भी इस दिशा मेंअभी तक डोंगाघाट मंदिर के महंत सहित मनोनीत समिति के सदस्यों पर एफ आई आर दर्ज नहीं की गई है श्री यादव ने कहा कि यह पुलिस प्रशासन की बहुत बड़ी उदासीनता है कि वह चंपा की प्राचीन धरोहर की भी रक्षा कर पाने में असफल है जबकि मामूली अपराध में पुलिस अपराधी को पकड़ कर जेल की सलाखो कू पीछे डाल देती है वही पुलिस चांपा नगर की इतनी बड़ी पहचान को नष्ट करने वाले पर न जाने क्यों करवाई नहीं कर पा रही है ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस इस मामले को ठंडे बस्ते में डालने की फिराक में है लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे लाचार पुलिस प्रशासन यदि इस मामले पर कार्रवाई नहीं कर पाती है तो सीधे तौर पर न्यायालय की शरण जाकर श्री हनुमान व्यायाम शाला को ध्यस्त करने वालों के खिलाफ न्याय की गुहार लगाएंगे इस मामले पर वहीं दूसरी ओर नगर सहित पूरे जिले मे चर्चा है कि रसूखदार लोगों के द्वारा इस अपराध कारित घटना को लेकर पुलिस भी हिम्मत नहीं जुटा पा रही है इस तरह की जन चर्चा से पुलिस महकमा की शान के खिलाफ प्रतीत होता है विश्वास सूत्रों से पता चला है कि उक्त मामले को लेकर जहां दोनों पक्षों के बयान लिए जा चुके हैं वही इस मामले को लेकर कानूनी राय मशवरा भी किया जा रहा है अब यह कहावत चरितार्थ होगा देर तो हो रहा है लेकिन अंधेर नहीं होगा तभी जाकर पुलिस प्रशासन के प्रति लोगों का विश्वास जागेगा*