कोरबा आरटीओ एजेंट संजय अग्रवाल की मनमानी को रोकने में विभाग हुआ नाकाम? परिवहन अधिकारी का मिल रहा खुला संरक्षण? जिले में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला अधिकारी कौन?,,,

कोरबा आरटीओ एजेंट संजय अग्रवाल की मनमानी को रोकने में विभाग हुआ नाकाम? परिवहन अधिकारी का मिल रहा खुला संरक्षण? जिले में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला अधिकारी कौन?,,,
कोरबा आरटीओ एजेंट संजय अग्रवाल की मनमानी को रोकने में विभाग हुआ नाकाम? परिवहन अधिकारी का मिल रहा खुला संरक्षण? जिले में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला अधिकारी कौन?,,,

सिटी रिपोर्टर केशव साहू

न्यूज कोरबा (सलवा जुडूम मीडिया) आपको बता दे कि फर्जी तरीके से थाना परिसर में खड़ी वाहन का प्रदूषण सर्टिफिकेट जारी करने से लेकर नियम विपरीत ड्राइविंग स्कूल संचालन कर रहे कथित आरटीओ एजेंट संजय अग्रवाल पर परिवहन विभाग की खूब मेहरबान होते नजर आ रही है। कथित आरटीओ एजेंट के इस कार्य से ना सिर्फ जिला परिवहन विभाग की छवि धूमिल होती नजर आ रही है, बल्कि विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे जिला परिवहन अधिकारी विवेक सिन्हा की कार्यशैली भी पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं। सूत्रों की माने तो परिवहन कार्यालय के सामने अवैध रूप से दुकान बनाकर परिवहन के कार्यों पर दखल देने वाले संजय अग्रवाल पर परिवहन अधिकारी का खुला संरक्षण प्राप्त है। शायद यही कारण है कि शिकायत एवं लगातार समाचार प्रकाशन के बाद भी परिवहन अधिकारी की कार्रवाई नजर नहीं आ रही है। प्राप्त जानकारी अनुसार कोरबा जिले में ड्राइविंग स्कूल चलाने के लिए दर्री निवासी संजय अग्रवाल को अनुमति प्राप्त है। संजय अग्रवाल द्वारा ड्राइविंग स्कूल संचालक की आड़ में सर्टिफिकेट बनाने का व्यवसाय किया जा रहा है। शहर के निहारिका क्षेत्र के एक दुकान में ड्राइविंग स्कूल केसंचालन करने से यहां जारी होने वाले ड्राइविंग सर्टिफिकेट पर भी सवाल उठना शुरू हो गया है। इसके अलावा प्रशिक्षण के नाम पर खाना पूर्ति करते हुए सिर्फ और सिर्फ सर्टिफिकेट बेचने का काम किया जा रहा है। मीडिया द्वारा जानकारी देने के बाद भी जिला परिवार अधिकारी अब तक किसी भी तरह की कार्रवाई करते हुए नजर नहीं आ रहे हैं, मानो जिला परिवहन अधिकारी की मौन स्वीकृति मिली हुई है। संजय अग्रवाल द्वारा ड्राइविंग स्कूल के सचलन के लिए जिस भूमि पर के दस्तावेज दिखाकर अनुमति ली गई है वहां पर किसी भी तरह का ड्राइविंग स्कूल का संचालन नहीं किया जा रहा है, बल्कि शहर में एक छोटे से दुकान में ड्राइविंग स्कूल का संचालन कर खानापूर्ति करते हुए सिर्फ और सिर्फ स्कूल सर्टिफिकेट जारी करने का काम कर रहा है। ऐसे में पूर्व में अधिकारी द्वारा दिए गए अनुमति पर भी सवाल उठना शुरू हो गया है, वही स्थल निरीक्षण करने वाले बाबू के निरीक्षण रिपोर्ट की भी जांच की आवश्यकता है। समय रहते जिम्मेदार अधिकारी द्वारा अगर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो यह भी माना जाएगा की जिम्मेदार अधिकारी का उनको संरक्षण प्राप्त है और उसके लिए जिम्मेदार अधिकारी भी दोषी है। ऐसे में दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने जल्द ही शिकायत की जाएगी।