चीफ रिपोर्टर भूपेंद्र देवांगन
जांजगीर चांपा (सलवा जुडूम मीडिया) आपको बता दे कि पं. राम सरकार पांडेय शास पुर्व माध्य. विद्यालय कुटरा में पढे कुटरा बढ़े कुटरा कार्यक्रम का आगाज विज्ञान दिवस के अवसर पर किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अभ्यागत अतिथि के रुप में विद्यालय के संरक्षक व छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सचिव राघवेंद्र पांडेय उपस्थित रहे। कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती की वंदना से किया गया जिसमें प्राथमिक शाला की प्रधान पाठिका श्रीमती प्रभावती राठौर जी द्वारा मधुर स्वर में मां सरस्वती की आराधना गई गई। इसके उपरांत सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम मैं उदबोधन के रूप में विचार रखते हुए राघवेंद्र पांडेय ने कहा कि कुटरा ग्राम पहले आतंक का ग्राम था, यहां से लोग गुजरने से भी डरते थे परंतु उस आतंक से भरे ग्राम को ज्ञान की धारा में प्रवाहित करने का सबसे बड़ा प्रयास विद्यालय के शिक्षकों द्वारा किया है। मैं जब भी अपने गृह ग्राम में आता हूं और ज्ञान चर्चा में रत बच्चों को देखता हूं और शिक्षकों को इस प्रयास में लगन से लगे देखता हूं तो मुझे आज यह आभास होता है कि आप लोगों ने बाबूजी स्व राम सरकार पाण्डेय के सपनों को साकार किया है। आज कुटरा ज्ञान का केंद्र बन गया है यही कारण है कि मेडिकल कॉलेज के लिए कुटरा की पावन भूमि का चयन किया गया है। इसके उपरांत विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री विजय लहरे ने कहा कि हम सबको शिक्षा को आम लोगों तक पहुंचाने में तभी सफलता हाथ लगेगी जब हम शिक्षा को नए रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास करेंगे और संकुल केंद्र कुटरा में यह प्रयास सफल होता दिखाई दे रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में समग्र शिक्षा की एपीसी श्रीमती हेमलता शर्मा जी ने कहा कि आज मुझे यहां बच्चों को कई प्रकार के मॉडलों को बनाते देखकर बड़ी खुशी महसूस हुई साथ ही शिक्षकों के द्वारा टीएल एम का जो प्रदर्शन किया गया है उसकी जितनी भी सराहना की जाए वह कम है। विद्यालय के प्राचार्य श्री संदीप श्रीवास्तव जी ने कहा कि यहां के शिक्षक भूपेंद्र जांगड़े जी के सहयोग से यह सभी काम सफल हो पाया साथ ही देवेंद्र साहू जी ने न्योता भोज अपने पिताजी स्व. श्री मोहन लाल साहू सेवानिवृत्त शिक्षक की स्मृति में कराकर जो परंपरा यहां शुरू की है उसकी मैं हृदय से सराहना करता हूं। कर्मचारी नेता शरद राठौर जी ने कहा कि मैं कुटरा की पावन भूमि में जैसे ही प्रविष्ट हुआ तब से मुझे ऐसा एहसास हुआ कि यहां के लोग ज्ञान को पाने के लिए कितने समर्पित है यह सब कुछ शिक्षकों के प्रयास से ही संभव हो पाया है मैं शिक्षकों की जितनी प्रशंसा करूं वह कम है। विद्यालय में संकुल स्तरीय कार्यक्रमों का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए श्री भूपेंद्र जांगड़े जी ने बताया कि हम राष्ट्रीय स्तर पर असर जैसे कार्यक्रमों को सामने रखते हुए विद्यालय के बच्चों का आकलन करने के लिए पढ़े कुटरा बढ़े कुटरा कार्यक्रम का आगाज कर रहे हैं इस कार्यक्रम में हम बच्चों को जमीनी स्तर पर सर्वे कर रहे हैं और उनकी क्षमता का आकलन करते हुए उपचारात्मक शिक्षा की दिशा में प्रयास कर रहे हैं। इस प्रयास में मुझे बच्चों के साथ शिक्षकों का बहुत अधिक सहयोग मिल रहा है। उद्बोधन के उपरांत सभी अतिथियों के द्वारा क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिक्षको और छात्रों का सम्मान किया गया सम्मान की इस कड़ी में उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में प्राथमिक शाला सेंदरी का चयन किया गया इसी प्रकार उत्कृष्ट गणित हिंदी और अंग्रेजी शिक्षक के रूप में विजय बंजारे जी, श्रीमती कमलेश्वरी पांडेय जी, और श्रीमती आशा साहू जी का सम्मान अतिथियों के द्वारा किया गया। लोकप्रिय शिक्षक के रूप में राज्यपाल पुरस्कृत व्याख्याता श्री अनुराग तिवारी जी का अतिथियों के द्वारा सम्मान किया गया।उत्कृष्ट विज्ञान शिक्षिका के रूप में श्रीमती ज्ञानेश्वरी भैंना जी का सम्मान किया गया। अगली कड़ी में नवाचारी शिक्षक के रूप में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुटरा के व्याख्याता श्री मकरम कमलाकर एवं श्री महावीर विजर्सन जी का सम्मान किया गया, आदर्श शिक्षक के रूप में उमेश कुमार पांडेय,उमेश कुमार दुबे और उमेश कुमार राठौर जी का सम्मान किया गया। संगठित विद्यालय के रूप में नवीन प्राथमिक शाला कुटरा का चयन किया गया और उनके शिक्षकों का सम्मान किया गया। उत्कृष्ट मध्यान भोजन बनाने के लिए अन्नपूर्णा स्व सहायता समूह का चयन किया गया। इसके साथ ही उत्कृष्ट जन भागीदारी समिति के सदस्य ग्रुप में विक्रम कुमार सूर्यवंशी जी का सम्मानअतिथियों के द्वारा किया गया। इसके उपरांत सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका के रूप में श्रीमती रमेश कारके जी का सम्मान किया गया। सबसे सफल डिजिटल व्यवस्था को कार्य रूप में परिणित करने के लिए श्री मनोज पटेल जी की प्रशंसा की गई।कार्यक्रम का सफल संचालन विद्यालय के शिक्षक देवेंद्र साहू अनुराग तिवारी एवं भूपेंद्र जांगड़े जी के द्वारा किया गया।*