छ ग चीफ ब्यूरो प्रमुख भूपेंद्र देवांगन
अनुकरणीय जीवन ! स्मृति शेष परम-पूज्य मेदनीशरण सराफ
जीवनपर्यंत शिक्षा और मानवता की सेवा ही सराफ जी के जीवन के लिए रही सर्वोपरि
जांजगीर चांपा (सलवा जुडूम मीडिया) जीवन यदि कहीं परास्त होता हैं तो वह मृत्यु के आगे ! इसीलिए वैदिक धार्मिक और आध्यात्मिक ग्रंथों में मृत्यु को शाश्वत सत्य की संज्ञा दी गई हैं । ऋषि-मुनियों ने इस सत्य को समझा और स्वीकारा तथा दुनिया को रैन-बसेरा की संज्ञा दी और कहा कि ‘ आया हैं सो जायेगा, राजा रंक फकीर !’ कहने का सीधा-सा तात्पर्य यह हैं कि मनुष्य को अपने हिस्से का जीवन जीने के बाद अंततः मृत्यु शैय्या पर अनंतकाल के लिए लीन हो जाना , लेकिन संसार में रहते हुए कुछ शख्सियत ऐसी होती हैं जिनकी जाने के बाद भी स्मृति बनी रहती हैं । जांजगीर-चांपा जिले के मूलतः नेताजी सुभाष चन्द्र बोस चौक जांजगीर में सराफ ज्वेलर्स के संचालक, सेवानिवृत्त प्राचार्य तथा छत्तीसगढ़ स्वर्णकार समाज के केंद्राध्यक्ष रहे मेदनीशरण सराफ ऐसे ही शख्सियत हैं। एक वर्ष पहले 11 नवंबर 2023 को एकाएक चले जाना बहुत स्मृतियों को छोड़ गया । जीवनपर्यंत शिक्षक, समाज-सुधारक और अंतिम समय तक कुशल सराफा व्यापारी रहने के कारण सबके प्रति उनका असीम स्नेह , आत्मीयता और आशीष रहा । उक्ताशय जानकारी दैनिक समाचार-पत्रों से सम्बद्ध शशिभूषण सोनी ने दिया और स्थल पर पहुंचकर सराफ जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया।
हरियाली हेरिटेज अकलतरा रोड़ जांजगीर में वार्षिक श्राद्ध कार्तिक शुक्ल पक्ष 10 दिन सोमवार दिनांक 11 नवंबर,2024 को स्मारणांजलि तथा श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। आमंत्रित लोगों ने उनके छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर सराफ जी के कार्यों तथा उनके साथ बिताए गए पलों को साझा किया गया । इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में स्वर्णकार समाज के केंद्राध्यक्ष जयदेव सोनी, पूर्व अध्यक्ष संतोष सोनी, ठाकुर देवेश सिंह, लोकप्रिय हिंदी दैनिक राजधानी से जनता तक समाचार-पत्र के संपादक शनि कुमार लहरे, संपादकीय लेखक शशिभूषण सोनी, संतोष सराफ, डॉ रामखिलावन यादव , प्यारे लाल सोनी, रामकुमार, अधिवक्ता राजकुमार, अजय कुमार, छगनलाल, महावीर सोनू, कृष्णा सराफ, डां अशोक कुमार सराफ, रत्नेश कुमार सराफ ने बताया कि अपना संपूर्ण जीवन शिक्षा और समाज के लिए न्यौछावर करने वाले सराफ वंदनीय हैं । दो-वर्ष पहले उनका स्वास्थ्य युवा जैसा ही था । अरधागिनी के असमय देहावसान से बहुत निराश हो गए । शारीरिक स्वास्थ्य गिरने लगा और अंततः उस यात्रा पर प्रस्थित हो गए जहां से कोई वापस नहीं आता । जन्म मरण का नियंत्रण मनुष्य के हाथ में नहीं रहता हैं । सबके लिए असीम स्नेह , आत्मीयता , अपनत्व और प्यार रखने वाले श्रध्देय मेदनी शरण सराफ जी स्मृति शेष को हरियाली हेरिटेज अकलतरा रोड़ जांजगीर में घर-परिवार, स्नेहीजनों और उनके चाहने वालों ने याद किया । समाज कल्याण के लिए उनकी निष्ठा,साहस, आत्मविश्वास और उनकी शिक्षा के प्रति समर्पण हमेशा यादगार बनी रहेगी । उनके सुपुत्र कृष्णा सराफ, श्रीमति रत्ना सराफ, डां अशोक कुमार, शशांक शेखर सराफ और रत्नेश सराफ ने कहा कि उनकी यश और कीर्ति जीवित रहेगी। दादा-दादी का जीवन हमारे लिए प्रेरणा हैं हमारे जीवन यात्रा में मार्गदर्शन देता रहेगा । ईश्वर उनकी आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे । स्वर्णकार समाज के केंद्राध्यक्ष रहे, समाज के पितृ पुरुष ,स्मृति शेष परम-पूज्य मेदनीशरण सराफ जी के वार्षिक श्राद्ध निमित्त कार्यक्रम में जनादेश न्यूज़-24 के संपादक डॉ रामखिलावन यादव तथा न्यूज़ रिपोर्टिंर शशिभूषण सोनी ने कहा कि व्यक्ति और समाज सदा एक-दुसरे के पूरक होते हैं । आज़ श्रेष्ठ और परोपकारी व्यक्तियों के कारण ही समाज का अस्तित्व हैं। मनुष्य अपनी सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अन्यान्य लोगों से क्रियाकलाप करता हैं । हमारे प्रियवर मेदनीशरण सराफ जी व्यवसाय से जुड़े तो पूर्ण निष्ठा से , शिक्षा से जुड़ें तब प्राचार्य पद पर कार्यरत करते हुए सेवानिवृत्त हुए । शिक्षा शास्त्री के रुप में अपने जांजगीर-चांपा जिले का नाम रौशन किया हैं वह भी पूरी प्रमाणिकता व समर्पण के साथ । दैनिक राजधानी से जनता तक तथा भूपेंद्र देवांगन सलवा जुडूम न्यूज़-24 परिवार आपके योगदान को हमेंशा याद रखेगा । ॐ शान्ति ।