कलेक्टर मैडम… प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड PIL में हो रहा मजदूरों का शोषण…

जिला जांजगीर में संचालित प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड चाम्पा PIL के मजदूरी के बारे में बात की जाए तो यह भी एक बहुत बड़ी समस्या है। आज भी यहां कम मजदूरी पर मजदूरों से काम कराया जा रहा है। यहां मजदूरों के साथ अन्याय हो रहा है। कम्पनी संचालक द्वारा मजदूरों से पूरा काम लिया जाता है किंतु जब मजदूरी की बात आती है तो 250-300 रुपये दी जाती है। प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड चाम्पा में मजदूर कई सालों से इस आस में काम करते आ रहे हैं कि आने वाला समय उनके लिए अच्छा हो लेकिन यह समय सिर्फ संचालक के लिए अच्छा नजर आ रहा है मजदूर की स्थिति जस की तस बनी हुई है कंपनी संचालक कभी मजदूरी के बारे में सोचते नहीं है सिर्फ उन्हें मजदूरों का शोषण करना दिखाई देता है कंपनी संचालक की मनमानी के कारण यहां काम करने वाले मजदूर बेबस और लाचार है।श्रम अधिनियम व औद्योगिक सुरक्षा अधिनियम का एक भी नियम/दिशा निर्देश का अनुपालन नहीं करते परियोजना प्रबंधक जिले में संचालित प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड चाम्पा में श्रम अधिनियम व औद्योगिक सुरक्षा अधिनियम का अनुपालन नहीं कर रहे है कंपनी का संचालन शासन के निर्देशों को ठेंगा दिखाकर कम्पनी का संचालन कर रहे है। शासन द्वारा कंपनी में काम करने वाले अकुशल अर्धकुशल कुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन दरें निर्धारित की गई है किंतु जिले के श्रम विभाग व जिम्मेदार अधिकारी की उदासीनता के चलते यहां किसी भी तरह से शासन के दिशा निर्देशों का पालन नहीं हो रहे हैं। कंपनी संचालक अपने खुद के नियम बनाकर यहां के मजदूरों के साथ शोषण कर रहा है।प्लांट में सिर्फ 250-300 रुपये में मजदूरों से काम करवाया जा रहा है। कंपनी में इतनी मनमानी चलने के बाद भी जिले का श्रम विभाग कंपनी संचालक पर मेहरबान है। ना ही कभी कोई जांच करते हैं और ना ही कोई कार्यवाही करते हैं जिससे कंपनी संचालक के हौसले दिनों दिन बुलंद होते जा रहे हैं। जिसका परिणाम सिर्फ मजदूरों पर हो रहा है। कंपनी संचालक मजदूरों का शोषण करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। मजदूरों का शोषण में यूनियन अपना कर रहे विकासप्लांट में यूनियन नेता व ठेकेदारों द्वारा मजदूरों का शोषण कर अपना विकास तेजी से कर रहे है लेकिन मजदूरों का विनाश भी उतनी ही तेजी से कर रही है। पूरे जिले में पुरानी एकमात्र कंपनी है जिसे कोरोना काल मे आपदा का अवसर मिला जहां कोरोना काल के चलते हैं कई कंपनियां संकट में थी लॉकडाउन में जिन मजदूरों ने कंपनी को साथ दिया वह मजदूर आज भी 250-300 की रोजी से काम करने को मजबूर है। जब से कम्पनी शुरू हुई तब से ही मजदूरों का शोषण कम्पनी में जारी है। उद्योग संचालन के लिए सरकारी नियम है बाकी कोई भी नियम संचालक नहीं मानते कम्पनी संचालक के खुद के नियम हैं जो मजदूरों से ₹250 में मजदूरी करवाते हैं कंपनी द्वारा ना ही किसी प्रकार की मजदूरों को कोई सहायता दी जाती है और ना ही मजदूरों का पीएफ काटा जाता है। मतलब जो श्रम विभाग ने मजदूरों के लिए नियम बनाये हैं इनमें से एक भी नियम प्लांट में नहीं माने जाते हैं। कंपनी को कई साल हो गए हैं अब एक प्लांट के अनेको प्लांट बन गए हैं किंतु मजदूरों की मजदूरी वही के वही है। यह बड़ी दुख की बात है जो मजदूर कंपनी के लिए अपना खून पसीना बहा रहा है उसे ही अपने मेहनत का मेहनताना नहीं मिल रहा है। कलेक्टर मैडम जी अगर आप चाहते हैं कि जिले में मजदूरों का शोषण पर लगाम लगाया जा सके इसके लिए आपको एक समिति का गठन किया जाना चाहिए जिसमें कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ,श्रम अधिकारी, पर्यावरण अधिकारी औद्योगिक सुरक्षा अधिकारी के साथ पत्रकार क्षेत्रीय सामाजिक कार्यकर्ता के साथ संयुक्त टीम बनाकर जांच किया जाना चाहिए – विकास शर्मा (RTI/सामाजिक कार्यकर्ता) बिरगहनी चाम्पा