न्यायधानी बिलासपुर प्रवास के दौरान दिनांक 15 अक्टूबर, 2024 सायंकाल डॉ संजीव कुमार शुक्ला से 20 वर्षों के बाद मित्रों ने पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय जाकर भेंट-मुलाक़ात की,,,

न्यायधानी बिलासपुर प्रवास के दौरान दिनांक 15 अक्टूबर, 2024 सायंकाल डॉ संजीव कुमार शुक्ला से 20 वर्षों के बाद मित्रों ने पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय जाकर भेंट-मुलाक़ात की,,,
न्यायधानी बिलासपुर प्रवास के दौरान दिनांक 15 अक्टूबर, 2024 सायंकाल डॉ संजीव कुमार शुक्ला से 20 वर्षों के बाद मित्रों ने पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय जाकर भेंट-मुलाक़ात की,,,

छ ग चीफ ब्यूरो प्रमुख भूपेंद्र देवांगन

बिलासपुर (सलवा जुडूम मीडिया) आपको बता दे कि इस संसार में जीवन-काल के दौरान कई मित्र बनते हैं और कई मित्र बिछड़ जाते हैं, लेकिन कुछेक मित्र ऐसे भी होते हैं जिनसे वर्षों के बाद मिलने पर वही स्नेह, वही प्रेम, वही आत्मीयता और अपनत्व बना रहता हैं । ऐसे मित्र किस्मत से ही मिलते हैं । डॉ राजेश शुक्ला, डॉ राजेन्द्र शुक्ला, डॉ सुनील श्रीवास्तव, डॉ खगेंद्र सोनी, डॉ रामगोपाल गुप्ता, डॉ रमेश राठौर,उमेश अग्रवाल , डॉ अंगेश सोनी, विनोद अग्रवाल और डॉ संजीव कुमार शुक्ला सब विद्यार्थी सीएमडी स्नातकोत्तर महाविद्यालय बिलासपुर में एम काम के बाद एमफिल वाणिज्य विषय में गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर में साथ-साथ अध्ययन किए और फ़िर अपने-अपने कार्य क्षेत्र में संलग्न हो गए।

साहित्यकार शशिभूषण सोनी ने संस्मरण सुनाते हुए कहा कि हम-सब मित्रों ने विभिन्न महाविद्यालयों में वाणिज्य विषय में अध्यापन का रास्ता चुना और इसी पद पर कार्यरत हैं । एक कवि ने ठीक ही कहा हैं कि आपके जीवन में कुछ ऐसे भी मित्र होने चाहिए जो जिंदगी के मोड़ पर आपके साथ खड़े होने चाहिए ।

आपके जीवन में कुछ ऐसे दोस्त तो होने ही चाहिए । यघपि अनेक कारणों की वज़ह से कई मित्र दूर हो जाते हैं मगर जिनसे गहरी मित्रता रहती हैं वह कभी-भी दिल से अलग नहीं होते हैं । विश्वविद्यालय बिलासपुर में अध्ययन के दौरान ही संजीव शुक्ला का चयन लोक सेवा आयोग द्वारा पुलिस अधीक्षक के पद पर नियुक्ति हुआ और वे सीएसपी थाना दर्री-कोरबा में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत रहते हुए पुलिस अधीक्षक बने। और आज़ अपनी प्रतिभा के बदौलत महानिरीक्षक रेंज बिलासपुर के पद पर कार्यरत हैं ।

मित्रता नाम हैं सुख-दु:ख के अफसाने का , फ़र्ज़ साथ निभाने का ।

शरद ऋतु की आहट, सायंकाल का समय, सुहानी हवा और पर्यटन के बहाने मित्रों का साथ एक प्रिय मित्र डॉ संजीव शुक्ला का साथ धरती इससे अच्छा मौका हो ही नहीं सकता । मित्र मिले तब हर मौसम सुहाना बना देता हैं । कहा तो यहां तक जाता हैं कि जो जादू बड़े से बड़े जादूगरों नहीं होता वह अक्सर वर्षों के बाद मिलने वाले मित्रता से हो जाता हैं । इस भेंट-मुलाकात के दौरान जांजगीर-चांपा जिले से अधिवक्ता संदीप मिश्रा , योगेश तिवारी , रेसलर प्रतीक तिवारी, शशिभूषण सोनी तथा इंडिया न्यूज़ के पंड़ित अरविंद तिवारी भी साथ थे । इस संबंध में अरविंद तिवारी ने बताया कि अच्छे मित्रों की संगत से जीवन को सही दिशा मिलती हैं। वास्तव में सच्चें और अच्छे मित्र उस चमकते हीरें की तरह हैं, जिसकी चमक कभी-भी खत्म नहीं होती। दरअसल मित्र उसी को कहते हैं जो चाहे कितने भी ऊंचे पद पर कार्यरत हो आने पर मिलने के लिए तैयार रहते हैं , हाल-चाल पूछते हैं और सही दिशा में मार्गदर्शन देते हैं ।
अंत में दो शब्दों के साथ समर्पित हैं –

मित्रता नाम हैं सुख-दु:ख के अफसाने का , ये राज हैं एक-दूसरे से मिलकर मुस्कुराने का ।
ये एक-दो पल की रिस्तेदारी नहीं ,ये तो फ़र्ज़ हैं जिंदगी भर साथ निभाने का ।।