छ ग चीफ ब्यूरो प्रमुख भूपेंद्र देवांगन
न्यूज़, जांजगीर-चांपा (सलवा जुडूम मीडिया) आपको बता दे कि अपनी अनूठी सभ्यता संस्कृति और कला के कारण भारत-वर्ष संपूर्ण देश में विशिष्ट पहचान रखता हैं । इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि संस्कृति का अनोखापन अपनी विशिष्ट पारंपरिक धरोहर और मान्यताओं के कारण भी हैं । गौ पालन की परंपरा भी इन्हीं में से एक हैं । श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर ग्राम पचेड़ा में सामाजिक और राजनैतिक कार्यकर्ता रवि पाण्डेय ने कामधेनु गौशाला पहुंचकर गौ माताओं को गुड़ , केला और चारा खिलाया । गौ सेवा के कार्य में अपने आपको समर्पित कर देने वाले पाण्डेय गौ माता की सेवा सुश्रुषा करते रहते हैं । उन्होंने कामधेनु गौशाला पहुंचकर निरीक्षण किया । इस गौशाला में 250 गाय और बछड़े हैं । सबसे विशेष बात यह हैं कि गौ माताओं की दुग्ध को कहीं भी विक्रय नहीं किया जाता वह सिर्फ़ उनके बछिया-बछड़ों के लिए उपयोगी में आती ही हैं ।
*कृष्ण भगवान की तरह हम भी गाय की सेवा करे: शशिभूषण सोनी ।*
साहित्यकार शशिभूषण सोनी ने बताया कि कृष्ण भगवान की तरह हम भी गायों की सेवा करे और अपना जीवन सुखी बनाएं। गाय हमारी माता हैं और उनकी सेवा करना हमारा धर्म हैं । गाय को स्वस्थ सुखी और हिष्ट पुष्टि रखने के लिए रवि पाण्डेय भाईजी का काम सराहनीय हैं , समय-समय वह गौशाला पहुंचकर चारा उपलब्ध करवाते रहते हैं । हम भी छोटा-सा दान करके परमार्थ कार्य में सहभागी बन सकते हैं ।
*गाय की सेवा करना मेरी सेवा करना हैं: भगवान श्रीकृष्ण ।*
धार्मिक और आध्यात्मिक ग्रंथों में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा हैं कि गायों की सेवा करना मेरी सेवा करना हैं । शशिभूषण सोनी ने बताया कि गौ माता ही एकमात्र जैसा प्राणी हैं जिसका सर्वाग अंग उपयोगी हैं । वह हमें दूध, दही, शुद्ध घी, पनीर, मक्खन और अमृतोपम स्वास्थ्यप्रद वस्तुएं प्रदान करती हैं । उसका चमड़ा , उसकी सींग , उसकी हड्डी यानी कि सब कुछ किसी ना किसी रुप में हमारे लिए बहुपयो स्वच्छ और ताजे दूध का सेवन ही नहीं करती बल्कि गाय के गोबर से अपने घर को लीपती भी हैं । इसका कारण गाय का गोबर रोगाणुनाशक हैं ।
*गाय वास्तव में मोक्ष दायिनी गंगा के समान हैं – डॉ द्विवेदी।*
आत्मानंद इंग्लिश स्कूल में पदस्थ डॉ रविंद्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि गौ माता में सभी देवी-देवताओं का वास हैं । हमारे धर्म और शास्त्रों में गाय को जगत की माता की संज्ञा दी गई हैं । हर घर में गाय की पूजा-अर्चना होनी चाहिए । जिस घर में गाय की पूजा नहीं होती , वह घर लक्ष्मी विहीन हो जाता हैं । गाय की रक्षा करना , पालन-पोषण और खाद्य सामग्री देना अपनी संस्कृति का अंग हैं । गाय वास्तव में मोक्ष दायिनी गंगा के समान हैं , यह सभी पापों और तापों से हमें छुटकारा दिलाती हैं ।